कश्मीर : भारत सरकार का साहसिक कदम

:: कमलनयन ::

गिरिडीह:  भारत का अभिन्न अंग जम्मू कश्मीर  अब अनुच्छेद 370  से मुक्त होकर देश के केन्द्र शासित राज्यों में शुमार हो गया। बड़ी बात यह हुई की जम्मू कश्मीर  पुर्नगठन विधेयक 2019 दोनों सदनों में पारित होने एवं रास्टूपति की मंजूरी के बाद घाटी में पुरी तरह से लगभग भारतीय कानून लागु  होगये। और इससे भी बड़ी बात यह हुई की हर साल कश्मीर के रास्ते से होकर अमरनाथ जाने वाले हजारों भारतीय तीर्थ यात्रियों को घाटी में अपने देश जैसा ही अपनापन महसूस होगा। इसमे संदेह नही कि  भारतीय जनमानष जम्मू कश्मीर को भारत का अटूट हिस्सा मानता  रहा है। लेकिन धारा 370 के कारण व्यवहारिक तौर पर अभी तक एसा नही था। हाल के वर्षों में घाटी  में अशोभनिय माहोल रहा ,उससे यह स्पष्ट था कि कश्मीरी आवाम खूद को कश्मीरी और भारतीय पर्यटकों को हिन्दूस्तानी कहकर संवोधित करता रहा है।  वर्ष 1992 से  गिरिडीह ( झारखंड ) के तारक दत्ता  हरसाल बाबा बर्फानी की वंदना करने जाते है। महज दो लोगों से शुरू हुआ यह कारवाँ आज एक बड़ी यात्री बस के  रूप में बदलगया  है।  श्री दत्ता कहते है कि विगत ढाई दशक से निरन्तर हर साल बाबा बर्फानी के दरबार में मथा टेकने का उनका यह  क्रम जारी है। किन्तु हाल के वर्षों में घाटी का माहोल विल्कुल दिल को आहत पहुँचाने जैसा रहा है। जम्मू तक तो अपने देश जैसा ही  सबकुछ सामान्य अपनेपन का फील होता , लेकिन कश्मीर की सीमा के साथ हि सबकुछ परायापन जैसा महसूस होने लगता। लगता ही नही कि वे अपने भारत में है। 200 किलोमीटर तक यात्री सिर्फ अपनी मर्जी  से सांस लेते।शेष आर्मी की कड़ी सुरक्षा में रास्ता तय करने की विवशता रहती है। रास्ते में किसी अनहोनी घटना को लेकर हर पल मन अंशात रहता।
हलाकि घाटी के दूकानदारो से जब भी घारा 370 को लेकर चर्चा होती तो वे सभी सिरे से इसे हटाने की वकालत करते और कहते कि इसके हटने घाटी में अमन और शांति होगी ,  पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी। जिससे उनलोगो का  व्यवसाय  भी बढ़ेगा। किन्तु लोकल कुछ  सीविलियन देशभर  के पर्यटकों को  दूसरे देश का नागरिक याने हिन्दूस्तानी कहकर  व्यवहार करते जिससे भारतीय पर्यटकों  के दिल में गहरी  ठेस पहुचती । सुक्र है बाबा बर्फानी का अ ब ऐसा नही होगा। भारतीय तीर्थ यात्री अब तिरंगा लेकर भी  पर जा सकेगे। जब कि अबतक होता यह रहा है कि तिरंगें  देखते ही घोड़े वाले कहते ।तिरंगा देखकर हमारे घोड़े विदक जाते हैा अपने देश के झंडे को अन्दर रख लो अब जबकि भारत सरकार ने विंशेषाधिकार से जूड़ी जम्मू कश्मीर की धारा  370 के प्रावधानों को समाप्त कर दिया ह्रै।तो आशा की जारही है कि हर साल देश के विभिन्न भागों से अमरनाथ यात्रा पर जानेवाले हजारों  भारतीय श्रधालूओं को कश्मीर को लेकर  आहत की टीस नही झेलनी पड़ेगी ।देश के अन्य तीर्थ क्षेत्रों  की तरह कश्मीर में भी अपनेपन का माहोल मिलेगा।विंदास होकर होटलों में स्टे करसकेगे ।मनमुताविक धरती के स्वर्ग की खुबंसूरती का आन्न्द ले सकेगे।

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