लैंड-बैंक और लैंड- पूल के नाम पर फिर से झारखंड को लूटने की साजिश में लगी हेमन्‍त सरकार : सालखन मुर्मू

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

जमेशदपुर/रांची: राष्‍ट्रीय सेंगल अभियान के अध्‍यक्ष व पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने आरोप लगाया है कि झारखंड की हेमन्‍त सरकार एक बार फिर से सीएनटी व एसपीटी ऐक्‍ट को चोर दरवाजे से तोड़ने की साजिश में लगी है। मुर्मू ने झामुमो को निशााने पर लेते हुए कहा कि 1993 में साढ़े तीन करोड़ में झारखंड को बेचा था। मुर्मू ने हालिया मसला उठाते हुए कहा कि वह बुधवार को राज्‍यपाल से मिलकर उनसे दरख्‍वास्‍त करेंगे कि वह शहरीकरण के विस्तार के नाम पर प्रस्तावित बिल - "झारखंड क्षेत्रीय विकास प्राधिकार संशोधन विधेयक - 2021" पर हस्ताक्षर ना करें। मुर्मू ने यह जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके दी है।

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है: महान वीर शहीदों बिरसा मुंडा और सिदो मुर्मू के नेतृत्व में अंग्रेजो के खिलाफ हुए भीषण संघर्षों और बलिदान का प्रतिफल है - सीएनटी कानून - 1908 और एसपीटी कानून - 1855। जो आदिवासी- मूलवासी अर्थात झारखंडी जन के जमीन का सुरक्षा कवच है। जिसे पहले रघुवर दास भाजपा सरकार ने लैंडबैंक और अब हेमंत सोरेन सरकार लैंडपूल के नाम पर पूंजीपतियों के लाभ, लूट, लालच के लिए बेचने का फैसला ले लिया है। जो गलत है, शहीदों का अपमान है। झारखंडी जन के साथ एक बड़ा धोखेबाजी है। ASA इसका विरोध करती है। 

सीएनटी एसपीटी कानूनों की सुरक्षा में हमने (सालखन मुर्मू) मान्य झारखंड हाई कोर्ट में केस नंबर   W-PIL 758/11 dt 4.2.2011और केस नंबर  W-PIL 6595/2016 dt 17.11.2016  से क्रमशः झारखंड सरकार (अर्जुन मुंडा + हेमंत सोरेन) और रघुवर दास सरकार को दो बार मजबूर कर सीएनटी एसपीटी कानून को बचाया है। मगर दुर्भाग्य जेएमएम के नेता "अबुआ दिसुम अबुआ राज" को खुद बेचने में मशगूल हैं। पहले 1993 में झारखंड को 3.50 करोड़ रुपयों में बेचा था। फिर 1996 में गुरुजी शिबू सोरेन ने खनिज और खनन के लिए सीएनटी एसपीटी कानून का गलत संशोधन किया। अब 2021 में हेमंत सोरेन सीएनटी/ एसपीटी को चोर दरवाजे से फिर तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। 

गुरुजी शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन के नेतृत्व में जेएमएम ने अब तक झारखंडी हित में एक भी नीतिगत काम नहीं किया है। अन्यथा झारखंडी डोमिसाइल, न्यायपूर्ण आरक्षण नीति, रोजगार नीति, सरना धर्म कोड, संताली प्रथम राजभाषा, बिरसा मुंडा और सिदो मुर्मू के वंशजों के लिए दो ट्रस्टों का गठन, विस्थापन पलायन पर रोक, TAC का गठन, पेसा एक्ट 1996, समता फैसला 1997, पांचवी अनुसूची आदि लागू हो जाता। जेएमएम सरकार केवल रूटीन काम करती है, जो कोई भी कर सकता है। जिसके पास पावर और पैसा अर्थात बजट राशि हो । 

दूसरी तरफ JMM की स्थापना 1973 से अबतक JMM ने आदिवासी समाज में प्रचंड रूप से व्याप्त नशापान, अंधविश्वास ( डायन प्रथा), ईर्ष्या द्वेष, वोट खरीद- बिक्री, गांव गांव में वंश- परंपरागत नियुक्त अनपढ़- पियक्कड़ माझी परगना स्वशासन व्यवस्था में सुधार के लिए कुछ भी नहीं किया है। बल्कि इसमें JMM को वोट का फायदा दिखता है, भले आदिवासी समाज का विनाश जारी है।

मेरे (सालखन मुर्मू) नेतृत्व में कल 31 मार्च 2021 को संध्या 4:00 बजे मान्य राज्यपाल, झारखंड को राजभवन, रांची में ASA का एक 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल , जिसमें श्रीमती सुमित्रा मुर्मू ,बीमो मुर्मू (संतालपरगना),सीताराम माझी (कोल्हान) और देवनारायण मुर्मू (बोकारो ) शामिल रहेंगे। और एक ज्ञापन पत्र सौंपकर मांग करेंगे कि शहरीकरण के बिस्तार के नाम पर प्रस्तावित बिल - " झारखंड क्षेत्रीय विकास प्राधिकार संशोधन विधेयक - 2021" पर राज्यपाल महोदया हस्ताक्षर ना करें तथा जब तक इस मामले का अनुमोदन  TAC द्वारा नहीं होता है, गलत और असंवैधानिक भी है।

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