अमेरिका के सामने मोदी सरकार का हाल चमगादड़ जैसा: सांसद स्‍वामी

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

भारत ने अपने आर्थिक समुद्री क्षेत्र में अमेरिकी नेवल गतिविधियों पर जब ऐतराज जताया तो बदले में अमेरिका की ओर से खेद जताने की बजाय पलटवार मिला। इस पर राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने केंद्र सरकार को पंचतंत्र का चमगादड़ बता दिया। दरअसल पंचतंत्र की कहानी में चमगादड़ को अवसरवादी बताया गया था। कहानी में वह अपने स्वार्थ के लिए पाला बदलता है और अंत में दोनों ही तरफ से उसका बहिष्कार कर दिया जाता है। पूरी कहानी बतायेंगे इस रिपोर्ट के अंत में। पहले जानते हैं लक्ष्‍यद्वीप का मामला है क्‍या?

दरअसल अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े के जहाज बिना अनुमति के ही लक्षद्वीप के पास अरब सागर की सीमा में युद्धाभ्यास करने लगे। भारत ने जब आपत्ति जताई तो उधर से हैरान करने वाला जवाब मिला। अमेरिकी नौसेना ने कहा कि USS जॉन पॉल जोन्स ने ऑपरेशन को अंजाम दिया है और इसके लिए समुद्र में आवागमन की स्वतंत्रता के अधिकार का इस्तेमाल किया गया है। उसने कहा कि अगर भारत विशेष आर्थिक क्षेत्र या फिर महाद्वीपीय शेल्फ में अनुमति लेने की बात कहता है तो यह अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है।

अमेरिका से इस तरह का जवाब मिलने के बाद स्वामी ने ट्वीट कर कहा, ‘अब बाइडेन सरकार ने बता दिया है कि वे भारत के कानून का सम्मान नहीं करते हैं। पंचतंत्र के चमगादड़ की तरह मोदी सरकार की भी हालत दयनीय हो गई है।’

जानते हैं, पंचतंत्र की कहानी में क्या हुई थी चमगादड़ की हालत
दरअसल पंचतंत्र की एक कहानी चमगादड़ पर भी आधारित है। कहानी के मुताबिक एक बार पशुओं और पक्षियों में झगड़ो हो गया। उस दौरान चमगादड़ ने कहा, हमारे पंख होते हैं लेकिन पक्षियों की तरह अंडे नहीं देते। इसलिए हम पशु भी हैं और पक्षी भी। हम उसी दल में मिल जाएंगे जो जीतेगा। पशुओं को जीतता देख चमगादड़ उनके दल में शामिल हो गए और जब पक्षी जीतने लगे तो उनके साथ हो लिए। अंत में पशुओं और पक्षियों में दोस्ती हो गई और चमगादड़ का बहिष्कार कर दिया गया। वह अंधेरी गुफाओं में रहने को मजबूर हो गया।

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