रेमडेसिविर के अवैध खरीद और अवैध वितरण पर गुजरात भाजपा के अध्‍यक्ष पाटिल और राज्‍य सरकार को हाई कोर्ट का नोटिस

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

गुजरात हाईकोर्ट ने भाजपा की गुजरात राज्य इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटिल और विजय रूपाणी सरकार को रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीद और इसके वितरण के संबंध में मंगलवार को एक नोटिस जारी किया है। यह नोटिस गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता परेश धानाणी द्वारा दाखिल याचिका को मद्देनजर भेजा गया है। एक और नोटिस वहां के स्‍थानीय जिलाधिकारी को भी भेजा गया है। धानाणी ने गुजरात भाजपा अध्यक्ष पाटिल के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और अपनी याचिका में कहा था कि सत्तारूढ़ दल ने दवा अवैध रूप से खरीदी है और इसका भंडारण किया है और उसके पास ऐसा करने का लाइसेंस नहीं है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, धानाणी की ओर से हाईकोर्ट में पेश हुए अधिवक्ता आनंद याग्निक ने अदालत को बताया, ‘सूरत में भाजपा कार्यालय में कोविड प्रमाण पत्र और डॉक्टर के पर्चे प्रदान करने की शर्त पर रेमडेसिविर इंजेक्शन वितरित करना, अवैध है और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स अधिनियम, फार्मेसी अधिनियम और ड्रग्स नियंत्रण अधिनियम के कई प्रावधानों का उल्लंघन करता है। सीआर पाटिल और अन्य के खिलाफ कार्रवाई के लिए गांधीनगर खाद्य एवं औषधि आयुक्त को एक आवेदन दिया है.’ याग्निक ने बताया, ‘सांसद और राज्य भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल के साथ विधायक हर्ष सांघवी द्वारा सूरत भाजपा कार्यालय से रेमडेसिविर इंजेक्शन को स्टॉक करना और इसे वितरित करने की अवैध कार्रवाई को औषधि आयुक्त द्वारा देखा जाना चाहिए और इसकी स्थिति रिपोर्ट माननीय अदालत को प्रदान करनी चाहिए.’ बतायें कि गुजरात में इस इंजेक्शन को लेकर उस वक्त विवाद शुरू हो गया जब इस इंजेक्शन की बढ़ती मांग के बीच भाजपा के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने बीते 10 अप्रैल से इन्हें मुफ्त में बांटना शुरू कर दिया था. इस बावत न्‍यूज मेल इंडिया ने पिछले दिनों अपने न्‍यूज बुलेटिन में खबर भी प्रकाशित किया था। 

पाटिल ने अपने गृहनगर सूरत में रेमडेसिविर की कमी के बीच इस दवा की 5000 खुराकें वितरित करने की घोषणा कर विवादों को जन्म दिया था। दवा का नि:शुल्क वितरण दस अप्रैल से भाजपा के सूरत कार्यालय में शुरू हुआ। जिस पर विपक्षी दल कांग्रेस ने अवैध रूप से दवा को खरीदने और इसके भंडारण के लिए उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की थी। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों के चलते इसकी मांग भी बढ़ी है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में लगातार इसे कीमत से अधिक दाम पर बेचे जाने की ख़बर आ रही है।

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