कोरोना की दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग जिम्‍मेवार, अफसरों पर दर्ज होना चाहिए हत्‍या का मुकदमा : मद्रास हाईकोर्ट

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

देश में बढ़ती कोरोना महामारी में जहां सरकारों, संस्‍थाओं भूमिका पर जनता आक्रोशित है वहीं  राहत की बात यह है कि देश के हाई कोर्ट संगदिल नहीं हैं। पिछले दिनों दिल्‍ली, इलाहाबाद, महाराष्‍ट्र और कोलकाता हाईकोर्ट ने सख्‍त रूख दिया उसी की कड़ी में मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को खुलकर आड़े हाथों लिया है। 
मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय चुनाव आयोग को कोरोना महामारी के दौरान चुनावी रैलियों को अनुमति देने को लेकर कड़ी फटकार लगाई है।

लाइव लॉ के अनुसार, बेहद नाराज दिख रहे चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी ने चुनाव आयोग के वकील से कहा, ‘कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए केवल आपका संस्थान जिम्मेदार है।’ मुख्य न्यायाधीश ने मौखिक रूप से यहां तक कहा कि ‘आपके अफसरों पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए।’

जब मुख्य न्यायाधीश ने अदालत के आदेश के बावजूद रैलियों में कोविड दिशानिर्देशों- जैसे मास्क, सैनेटाइजर का इस्तेमाल, सामाजिक दूरी का पालन न होने की बात कही, तब आयोग के वकील ने कहा इनका पालन हुआ था, इस पर जस्टिस बनर्जी ने कहा, ‘जब चुनावी रैलियां हो रही थीं, तब आप क्या किसी और ग्रह पर थे?’

मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी तथा जस्टिस सेंथिलकुमार राममूर्ति की पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की हैं। जस्टिस बनर्जी ने आगे कहा, कि ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य सर्वोपरि है और यह चिंता की बात है कि संवैधानिक अधिकारियों को इस बारे में याद दिलाना पड़ता है। नागरिक जब जिंदा रहेगा तभी वह एक लोकतांत्रिक गणतंत्र द्वारा प्रदत्त अधिकारों का लाभ ले सकेगा।’

अदालत ने यह चेतावनी भी दी कि अगर मतगणना के दिन के लिए चुनाव आयोग द्वारा कोविड के मद्देनजर की गई तैयारियों का ब्लूप्रिंट नहीं दिया गया, तो वे 2 मई को होने वाली वोटों की गिनती रोक देंगे।

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